ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ है

ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ है हमने वेदों के बारे में कई कहावतें सुनी हैं। हमें इस बात का अफ़सोस होता था कि हम उस समय वेदों की अवधारणाओं को नहीं समझ सके। पश्चाताप करने वालों के दुखों को दूर करना हमारा कर्तव्य है। तो यह लेना आवश्यक है कि चारों वेद किस बारे में बात कर रहे हैं। तो ऋग्वेद के इस अध्याय में पूरे पैटर्न को संक्षेप में प्रस्तुत करना बहुत महत्वपूर्ण है। कारण यह है कि वेदों को समझकर ही हिंदू धर्म को पूरी तरह समझा जा सकता है। वेदों में पहला ऋग्वेद है। यह अकेले इस वेद की व्यक्तिगत महिमा नहीं है। इसी वेद के माध्यम से मानव विचार को सर्वप्रथम पुस्तक रूप में लाया गया अर्थात ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ था।चारों वेदों में कुल सूक्तों की संख्या 1,82,211 है, जिनमें से 1,52,222 सूक्त ऋग्वेद में ही हैं अर्थात् चारों वेदों के तीन-चौथाई सूक्त ऋग्वेद के हैं। यह वेद …

ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ है

ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ है हमने वेदों के बारे में कई कहावतें सुनी हैं। हमें इस बात का अफ़सोस होता था कि हम उस समय वेदों की अवधारणाओं को नहीं समझ सके। पश्चाताप करने वालों के दुखों को दूर करना हमारा कर्तव्य है। तो यह लेना आवश्यक है कि चारों वेद किस बारे में बात कर रहे हैं। तो ऋग्वेद के इस अध्याय में पूरे पैटर्न को संक्षेप में प्रस्तुत करना बहुत महत्वपूर्ण है। कारण यह है कि वेदों को समझकर ही हिंदू धर्म को पूरी तरह समझा जा सकता है।
वेदों में पहला ऋग्वेद है। यह अकेले इस वेद की व्यक्तिगत महिमा नहीं है। इसी वेद के माध्यम से मानव विचार को सर्वप्रथम पुस्तक रूप में लाया गया अर्थात ऋग्वेद विश्व का प्रथम ग्रंथ था।चारों वेदों में कुल सूक्तों की संख्या 1,82,211 है, जिनमें से 1,52,222 सूक्त ऋग्वेद में ही हैं अर्थात् चारों वेदों के तीन-चौथाई सूक्त ऋग्वेद के हैं। यह वेद …