कर्म कम करने के लिए करें महान समाधि की पूजा
यह भाग्य है कि मनुष्य को मनुष्यों के पाप को सहन करना पड़ता है, लेकिन दूसरों का मानना है कि मति से भाग्य पर विजय प्राप्त की जा सकती है, और इसलिए हमें मंदिर जाना और ऋषियों से मिलना जैसे काम करने पड़ते हैं। मुख्य रूप से यदि आप ऋषियों की जीव समाधि पर प्रार्थना करते हैं, तो आपको अधिक परिणाम प्राप्त होंगे। साधु पाप बदलते हैंवे हमारे परिणामों का अनुभव करने के तरीके को बदल देते हैं। इसे एक उदाहरण से देखते हैं...मान लीजिए किसी के पास छह हजार रुपये के खुदरा सिक्के हैं, यह एक बंडल की तरह है, इसे ले जाना और संभालना मुश्किल है। उसे गाता देख कोई बदलवा खरीद कर दो हजार रुपए के नए नोट के रूप में 3 दे देता है।अभी भी वही छह हजार हैं। लेकिन बोझ दिखाई नहीं देता... बोझ कम हो जाता है। संत यही करते हैं। कर्म तो हमारे पास ही होते हैं लेकिन संत हमारी मानसिक स्थिति को बदल देते हैं ताकि हमें कष्ट न हो.. और अपनी आत्मा शक्ति को मजबूत करें !!! जैसे किसी मंदिर में जाकर संतों की जीवा समाधि की पूजा करनी चाहिए।
यह भाग्य है कि मनुष्य को मनुष्यों के पाप को सहन करना पड़ता है, लेकिन दूसरों का मानना है कि मति से भाग्य पर विजय प्राप्त की जा सकती है, और इसलिए हमें मंदिर जाना और ऋषियों से मिलना जैसे काम करने पड़ते हैं।
मुख्य रूप से यदि आप ऋषियों की जीव समाधि पर प्रार्थना करते हैं, तो आपको अधिक परिणाम प्राप्त होंगे। साधु पाप बदलते हैंवे हमारे परिणामों का अनुभव करने के तरीके को बदल देते हैं।
इसे एक उदाहरण से देखते हैं...मान लीजिए किसी के पास छह हजार रुपये के खुदरा सिक्के हैं, यह एक बंडल की तरह है, इसे ले जाना और संभालना मुश्किल है। उसे गाता देख कोई बदलवा खरीद कर दो हजार रुपए के नए नोट के रूप में 3 दे देता है।अभी भी वही छह हजार हैं। लेकिन बोझ दिखाई नहीं देता... बोझ कम हो जाता है। संत यही करते हैं।
कर्म तो हमारे पास ही होते हैं लेकिन संत हमारी मानसिक स्थिति को बदल देते हैं ताकि हमें कष्ट न हो.. और अपनी आत्मा शक्ति को मजबूत करें !!!
जैसे किसी मंदिर में जाकर संतों की जीवा समाधि की पूजा करनी चाहिए।