छह प्रकार के संसार कष्टों को दूर करने का एक सरल मंत्र

यह संसार छह प्रकार के दुखों से भरा हुआ है: 1, आरती, जिसका अर्थ है अकथनीय दुख। 2. आंदोलन, अर्थात् आने का भय, 3. घोर रोग । 4. किए गए पापों के कारण कठिनाइयाँ। 5. दुर्घटना। 6. बुढ़ापा। इसका निवारण करने के लिए, "अर्थ विशनस सिद्धिलास बीजा: कोरेशु व्याद्यशु" वर्थमान: संकीर्त्य नारायण सप्त मातरम् विमुक्त दुक्कस सुकिनो पावंतु। इस श्लोक का 16 बार जप करने से उपरोक्त कष्टों की गंभीरता कम हो जाएगी।

छह प्रकार के संसार कष्टों को दूर करने का एक सरल मंत्र
यह संसार छह प्रकार के दुखों से भरा हुआ है: 1, आरती, जिसका अर्थ है अकथनीय दुख। 2. आंदोलन, अर्थात् आने का भय, 3. घोर रोग ।
4. किए गए पापों के कारण कठिनाइयाँ।
5. दुर्घटना।
6. बुढ़ापा। इसका निवारण करने के लिए,
"अर्थ विशनस सिद्धिलास बीजा: कोरेशु व्याद्यशु" वर्थमान:
संकीर्त्य नारायण सप्त मातरम्
विमुक्त दुक्कस सुकिनो पावंतु। इस श्लोक का 16 बार जप करने से उपरोक्त कष्टों की गंभीरता कम हो जाएगी।