सीथम्मा मायाम्मा... त्यागराज कीर्तन का इतिहास
त्यागराज अपने घर के आंगन में बैठकर राम का जाप कर रहे थे। तभी उसके साथ एक बूढ़ा जोड़ा और एक सहायक समेत तीन लोग आए और उससे बात करने लगे। हम दूर उत्तर से पैदल ही मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। इसके बाद रामेश्वरम जाएंहम दर्शन ला रहे हैं। आगे हमें रामेश्वरम जाना है, आज अंधेरा हो रहा है। हम आपके घर पर सिर्फ एक रात रुकेंगे और सुबह निकल जाएंगे। उन्होंने मुझसे अनुमति देने के लिए कहा। त्यागराज ने दोनों हाथों को बुलाया झुक कर स्वागत किया। आप आज रात यहाँ हैं तम रुक सकते हो। रात के खाने की व्यवस्था मैं करता हूं, और आप यहां अपने दिल की सामग्री के लिए खा सकते हैं उन्होंने उन्हें बैठने को कहा।उसने अपनी पत्नी को बुलाया और उनके पीने के लिए पानी लाया और उनके खाने के लिए रात के खाने की व्यवस्था की। घर में दो लोगों के लिए पर्याप्त चावल नहीं है। अब उसने सोचा कि अगर पांच लोगों के लिए खाना बनाना पड़े तो चावल का क्या किया जाए।उसने सोचा कि वह पड़ोसी के घर जाकर चावल खरीद लेगी, ताकि आने वाले लोगों को पता न चले, मल वहाँ से साड़ी से आँखें ढँक कर वहाँ से निकली और चावल का कटोरा ले लिया।एक आध्यात्मिक फूल
त्यागराज अपने घर के आंगन में बैठकर राम का जाप कर रहे थे। तभी उसके साथ एक बूढ़ा जोड़ा और एक सहायक समेत तीन लोग आए और उससे बात करने लगे।
हम दूर उत्तर से पैदल ही मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं। इसके बाद रामेश्वरम जाएंहम दर्शन ला रहे हैं। आगे हमें रामेश्वरम जाना है, आज अंधेरा हो रहा है। हम आपके घर पर सिर्फ एक रात रुकेंगे और सुबह निकल जाएंगे। उन्होंने मुझसे अनुमति देने के लिए कहा।
त्यागराज ने दोनों हाथों को बुलाया
झुक कर स्वागत किया। आप आज रात यहाँ हैं
तम रुक सकते हो। रात के खाने की व्यवस्था
मैं करता हूं, और आप यहां अपने दिल की सामग्री के लिए खा सकते हैं
उन्होंने उन्हें बैठने को कहा।उसने अपनी पत्नी को बुलाया और उनके पीने के लिए पानी लाया और उनके खाने के लिए रात के खाने की व्यवस्था की।
घर में दो लोगों के लिए पर्याप्त चावल नहीं है। अब उसने सोचा कि अगर पांच लोगों के लिए खाना बनाना पड़े तो चावल का क्या किया जाए।उसने सोचा कि वह पड़ोसी के घर जाकर चावल खरीद लेगी, ताकि आने वाले लोगों को पता न चले, मल वहाँ से साड़ी से आँखें ढँक कर वहाँ से निकली और चावल का कटोरा ले लिया।एक आध्यात्मिक फूल