गोकुलाष्टमी
गोकुलाष्टमी श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर अवतरित हुए। वह बचपन से ही अपने असाधारण कार्यों से भक्तों को राहत देते थे। आइए इस लेख में गोकुलाष्टमी से जुड़ी बातों के बारे में जानें! तिथि: श्रवण माता कृष्ण पक्ष अष्टमी इतिहास भगवान श्रीकृष्ण का जन्म श्रावण मास की अष्टमी को मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में चंद्र वृषभ राशी के दौरान हुआ था। जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्णादु दुवा में किसी भी अन्य दिन की तुलना में एक हजार गुना अधिक गतिविधि होती है। इस 'टिधि' में 'O नमोबगवते वासुदेवाय' और श्रीकृष्ण के अन्य उपासना का जाप किया जाता है। अगर आध्यात्मिक तरीके से भी किया जाए तो यह श्रीकृष्ण तत्व का अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा। उत्सव मनाएं आज टैटम की बारी है वे पूरे दिन उपवास के बाद रात 12 बजे बालकृष्णन के जन्म का जश्न मनाते हैं। उसक…
गोकुलाष्टमी श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी पर अवतरित हुए। वह बचपन से ही अपने असाधारण कार्यों से भक्तों को राहत देते थे। आइए इस लेख में गोकुलाष्टमी से जुड़ी बातों के बारे में जानें! तिथि: श्रवण माता कृष्ण पक्ष अष्टमी इतिहास
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म श्रावण मास की अष्टमी को मध्य रात्रि में रोहिणी नक्षत्र में चंद्र वृषभ राशी के दौरान हुआ था। जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्णादु दुवा में किसी भी अन्य दिन की तुलना में एक हजार गुना अधिक गतिविधि होती है। इस 'टिधि' में 'O नमोबगवते वासुदेवाय' और श्रीकृष्ण के अन्य उपासना का जाप किया जाता है। अगर आध्यात्मिक तरीके से भी किया जाए तो यह श्रीकृष्ण तत्व का अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा। उत्सव मनाएं
आज टैटम की बारी है वे पूरे दिन उपवास के बाद रात 12 बजे बालकृष्णन के जन्म का जश्न मनाते हैं। उसक…