नहाना है जरूरी
सुबह उठकर स्नान कर लें। प्रातः स्नान करने से जीवन में समृद्धि आएगी, ज्ञान का विकास होगा, शरीर में बल आएगा, दुखों का नाश होगा और बुरे सपने नहीं आएंगे। ब्रह्मचारियों को कम से कम एक बार स्नान अवश्य करना चाहिए। ग्रहस्थों को सुबह और दोपहर में स्नान करना चाहिए। तपस्वियों और संन्यासियों को तीन बार स्नान करना चाहिए। अच्छा शरीरहालत वाले लोगों को साफ, ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। वही सबसे अच्छा है। इसी तरह, पुरानी स्थिति और शारीरिक बीमारियों वाले लोग वेनेर में स्नान कर सकते हैं। लेकिन उन्हें भी ग्रहण के दिनों और सिरार्ड के दिनों में वेन्नेर में स्नान नहीं करना चाहिए।
सुबह उठकर स्नान कर लें। प्रातः स्नान करने से जीवन में समृद्धि आएगी, ज्ञान का विकास होगा, शरीर में बल आएगा, दुखों का नाश होगा और बुरे सपने नहीं आएंगे। ब्रह्मचारियों को कम से कम एक बार स्नान अवश्य करना चाहिए। ग्रहस्थों को सुबह और दोपहर में स्नान करना चाहिए। तपस्वियों और संन्यासियों को तीन बार स्नान करना चाहिए। अच्छा शरीरहालत वाले लोगों को साफ, ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। वही सबसे अच्छा है।
इसी तरह, पुरानी स्थिति और शारीरिक बीमारियों वाले लोग वेनेर में स्नान कर सकते हैं। लेकिन उन्हें भी ग्रहण के दिनों और सिरार्ड के दिनों में वेन्नेर में स्नान नहीं करना चाहिए।