चलनी को देखो और छान लो और कर्मों को भगवान पर छोड़ दो

चलनी को देखो और छान लो और कर्मों को भगवान पर छोड़ दो यदि किसी कार्य के निष्पादन में गंभीर प्रयास, उचित योजना और साफ-सफाई हो, तो ईश्वर हमारे सभी प्रयासों में हमारी मदद करेगा और हमें सफलता दिलाएगा। इसमें कोई शक नहीं। 'क्या मैं वही हूं जिसने काम किया है? अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें फल क्यों दूं?'' अर्जुन ने पूछा 'अगर यह एक अच्छा परिणाम है, तो मुझे दो,' मैं कहता हूं। परिणाम कुछ भी हो, अच्छा हो या बुरा, मुझे दे दो। इस अर्जुन का क्या कसूर है? इसके अलावा एक बात और। तुम शरीर हो, यह केवल भीतर से उत्पन्न नहीं होता! पांच लोगों को इकट्ठा होना चाहिए। अर्थात्, जब आत्म, तेगम, पंचभूत, परमभट्ट और इंद्रियों के सभी पांचों को मिला दिया जाता है, तभी हम कार्य की योजना बना सकते हैं और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर सकते हैं। तो आपका एकमात्र काम क्रिया करना है, हमेशा उस पर ध्यान केंद्…

चलनी को देखो और छान लो और कर्मों को भगवान पर छोड़ दो

चलनी को देखो और छान लो और कर्मों को भगवान पर छोड़ दो  यदि किसी कार्य के निष्पादन में गंभीर प्रयास, उचित योजना और साफ-सफाई हो, तो ईश्वर हमारे सभी प्रयासों में हमारी मदद करेगा और हमें सफलता दिलाएगा। इसमें कोई शक नहीं।
'क्या मैं वही हूं जिसने काम किया है? अगर ऐसा है तो मैं तुम्हें फल क्यों दूं?'' अर्जुन ने पूछा 'अगर यह एक अच्छा परिणाम है, तो मुझे दो,' मैं कहता हूं। परिणाम कुछ भी हो, अच्छा हो या बुरा, मुझे दे दो। इस अर्जुन का क्या कसूर है?
इसके अलावा एक बात और। तुम शरीर हो, यह केवल भीतर से उत्पन्न नहीं होता! पांच लोगों को इकट्ठा होना चाहिए।  अर्थात्, जब आत्म, तेगम, पंचभूत, परमभट्ट और इंद्रियों के सभी पांचों को मिला दिया जाता है, तभी हम कार्य की योजना बना सकते हैं और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर सकते हैं। तो आपका एकमात्र काम क्रिया करना है, हमेशा उस पर ध्यान केंद्…