भूलकर भी इन बातों को किसी को बताने से बचें

आचार्य चाणक्य की अर्थशास्त्र और राजनीतिक क्षेत्र में काफी गहरी पकड़ है। आचार्य ने समाज की भलाई के लिए कई नीतियां भी बनाई हैं और इन्हीं नीतियों के माध्यम से एक बालक को अखंड भारत का सम्राट बनाया, जो चंद्रगुप्त के नाम से जाना गया। आइए चाणक्य की एक नीति के बारे में जानते हैं...

भूलकर भी इन बातों को किसी को बताने से बचें

 

आचार्य चाणक्य की अर्थशास्त्र और राजनीतिक क्षेत्र में काफी गहरी पकड़ है। आचार्य ने समाज की भलाई के लिए कई नीतियां भी बनाई हैं और इन्हीं नीतियों के माध्यम से एक बालक को अखंड भारत का सम्राट बनाया, जो चंद्रगुप्त के नाम से जाना गया। आइए चाणक्य की एक नीति के बारे में जानते हैं...

 राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्र आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में सरल और सुखी जीवन के कई सूत्र बताए हैं। अगर चाणक्य की इन नीतियों का आज भी पालन किया जाए तो व्यक्ति कई समस्याओं से बच सकता है। ऐसे ही चाणक्य ने एक नीति में कहा है कि भूलकर भी कुछ बातें ऐसी होती हैं, जिनको किसी को भी नहीं बताना चाहिए, चाहें फिर वह आपका कितनी भी करीबी और हितैषी ही क्यों न हो। क्योंकि अगर ये बातें किसी को भी पता चलती हैं तो वह आपको अपमानित करने का फायदा उठा सकता है। आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य ने नीति के माध्यम से कौन सी बातों दूसरों को बताने से मना किया है...

गुप्त रखने वाली पहली बात

 

अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च।

नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत्।।

 

आचार्य चाणक्य ने श्लोक में पहली बात यह बताई है कि कभी भी और किसी को भी अर्थनाशं अर्थात धन की हानि के बारे में किसी को नहीं बताना चाहिए। कई बार धन की हानि होने पर दुखी होकर दूसरों को बता देते हैं, जो कि गलत है। क्योंकि अगर किसी को भी यह पता चल जाए कि आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है तो कोई भी मदद नहीं करता है इसलिए दूसरों को नुकसान बताने के बजाय यह प्रयास करें कि जो नुकसान हुआ है, उसको किस तरह पूरा किया जाए।

 

गुप्त रखने वाली दूसरी बात

 

चाणक्य ने श्लोक के माध्यम से कहा है कि कभी भी किसी को अपने परेशानियों और दुखों के बारे में नहीं बताना चाहिए। अगर आप किसी को अपनी समस्याओं के बारे में बताते हैं तो दूसरे इसका मजाक बना सकते हैं। क्योंकि हर दौर में समाज में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो सामने तो अच्छे होते हैं लेकिन पीठ पीछे आपके मन की व्यथा को सुनकर खुश होते हैं इसलिए अपने दुखों को अपने ही अंदर रखने में ही आपकी भलाई है।

 

गुप्त रखने वाली तीसरी बात

 

चाणक्य ने आगे कहा है कि अपने घर की महिलाओं के अच्छे और बुरे व्यवहार और लक्ष्णों के बारे में भी किसी को नहीं बताना चाहिए। समझदार पुरुष वही होता है, जो घर की बातों केवल घर में ही रखता हो। अगर आप घर की जरूरी बातों, लड़ाई-झगड़े या फिर सुख-दुखों के बारे में बताते हैं तो भविष्य में आपको भयंकर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। चाणक्य ने कहा है कि महिला हो या पुरुष उनके अपने पार्टनर के बारे में भी कभी दूसरों को नहीं बताना चाहिए।

 

गुप्त रखने वाली चौथी बात

 

आर्चाय ने श्लोक के अंत में कहा है कि अगर किसी बुरे इंसान ने आपको गलत शब्द कहे हैं या फिर अपमान किया है तो सबसे पहले उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और इस घटना बारे में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। बुरी प्रवृति के इंसान हमेशा दुख पहुंचाने का ही काम करते हैं। अगर ऐसी घटना के बारे में लोगों को बताएंगे तो आगे चलकर आपका मजाक बना सकते हैं, जिससे आपके सम्मान में कमी आ सकती है।