thakuratv admin

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महिलाएं बिना नहाए भूलकर भी न करें ये 5 काम,...

प्राचीनकाल से ही हमारी दिनचर्या को लेकर शास्त्रों में कुछ नियम बताए हैं। इन नियमों का पालन करने से न सिर्फ स्वस्थ जीवन व्यतीत करते...

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ब्रह्म मुहूर्त इतना विशेष क्यों?

हर दिन सुबह 4:30 बजे मेरे दादाजी अपने पसंदीदा देवताओं को जगाने में व्यस्त रहते हैं। उसके बाद वे ध्यान करते हैं और फिर एक लंबी सैर...

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इस तरह करें जीवन व्यतीत

ध्यान कोई प्रयास या खोज नहीं है। यह हमारा मूल स्वभाव है। भूख लगना हमारे शरीर का स्वभाव है। इस भूख को साधने का माध्यम योग है। उसी प्रकार...

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दान वही है, जिसके बदले में कुछ पाने की लालसा...

मंदिर भवन बनवाने के लिए संचालक मंडल शहर के एक धन्ना सेठ के पास पहुंचा और आर्थिक सहायता की पेशकश की। सेठ ने दान के बदले मंदिरों की...

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जानिए भगवान शिव से जुड़े वो रहस्य जिनसे...

जी इस सृष्टि के रचनाकार हैं और विष्णु जी पालक हैं ठीक इसी क्रम में भगवान शिव सृष्टि के संहारक हैं। उनका रहस-सहन, वेश-भूषा विचित्र...

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भूलकर भी इन बातों को किसी को बताने से बचें

आचार्य चाणक्य की अर्थशास्त्र और राजनीतिक क्षेत्र में काफी गहरी पकड़ है। आचार्य ने समाज की भलाई के लिए कई नीतियां भी बनाई हैं और इन्हीं...

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गुरुवार को भूलकर भी न करें ये काम, हो सकता...

गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। गुरुवार के दिन व्रत रखने, केले के वृक्ष की पूजा करने और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ...

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आपने आपसे से प्रेम नहीं हुआ तो दूसरों से...

हम अपने संबंधों के दायरे में निस्संदेह सभी से प्रेम करते हैं। सवाल है कि क्या हम उन्हें बिना शर्त प्रेम करते हैं? शायद नहीं। क्योंकि...

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ब्रज रज के लडू अमृत से स्वादिस्ट

सारी सखियाँ कहती हैं- “हाँ हाँ ऋषिवर ! ये राधा ने बनाया है। आज तक ऐसा लड्डू आपने नही खाया होगा।” मुंह में डालते ही परम चकित, शब्द...

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सुखस्य दुःखस्य न कोपि दाता

जीवन में सुख-दुख, अच्छाई-बुराई, आचार-व्यवहार में विचारों का विशेष महत्व होता है। अच्छा भाव सकारात्मकता, जीवंतता और सफलता लाता है।...

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आनंद भक्ति ही अभिव्यक्ति और जीवन का मूल...

जब सभी मनुष्य परम पुरुष की एक ही लय में नृत्य कर रहे हैं, जब वे सभी एक ही वैचारिक प्रवाह में चल रहे हैं, तो क्या अमीर और गरीब के बीच...

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नींद क्या है। 

रात की नींद को “भूताधात्री” कहा जाता है, जो की एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है, ‘संपूर्ण सृष्टि की माता’। जिस प्रकार मां अपनी संतान...

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